Ad Code

Ticker

6/recent/ticker-posts

गिलोय का जायका कैसा होता है? | Giloy Taste in Hindi

Giloy Taste: गिलोय का जायका कैसे होता है। गिलोय का जायका थोड़ा सा कसैला होता है और थोड़ा सा कड़वा भी होता है। गिलोय (Giloy) को कई नामों से जाना जाता है। जितने ज्यादा गिलोय के नाम है। उतने ही ज्यादा इसके फायदे हैं। देखिए गिलोय एक नेचुरल रेमेडीज (Natural Remedies) है। गिलोय (Giloy) से बड़ी से बड़ी बीमारियां ठीक सकती है।

गिलोय का जायका, giloy taste

जैसे कि टाइफाइड, बुखार, खांसी, जुकाम और अन्य किस्म की बीमारियों के लिए रामबाण सिद्ध हो सकती है। ठंड के दिनों में बहुत बार हम ऐसा होता है कि हम अपनी गलतियों की वजह से बीमार हो जाते हैं और नौबत यहां तक आ जाती है कि हमें हॉस्पिटल में एडमिट होना पड़ता है। ना जाने डॉक्टर कितने इंजेक्शन और दवाइयां मरीज को देते हैं।

ऐसे में डॉक्टर की दी हुई दवाइयां मरीज को खाने की पड़ती है क्योंकि मरीज़  बीमार होता है और यह दवाइयां बहुत ज्यादा गर्म होती है कि यह बुखार को ठीक तो कर देती हैं किंतु शरीर में बहुत ज्यादा कमजोरी आ जाती है। मरीज की कई बार ऐसी हालत हो जाती है कि वह कमजोरी की वजह से बिल्कुल ही नहीं चल पाता। किंतु अगर आप इन समस्याओं से बचना चाहते हैं। तो जब आपको फीवर या सर्दी खांसी ऐसा कुछ हो तो थोड़ा थोड़ा गिलोय का सेवन करते रहना चाहिए। 

माना कि इसका जायका थोड़ा कसैला और कड़वा होता है। किंतु यह बाकी दवाइयों से अच्छा ही होता है। आप गिलोय का पाउडर या गिलोय का काढ़ा इस्तेमाल कर सकते हैं। बुखार में यह काफी लाभदायक होता है। टाइफाइड जैसे भयानक बुखार में जब हमारी सफेद और लाल रक्त कोशिकाओं के सेल कम हो जाते है। तो कई बार यह सेलर अगर ज्यादा ही कम हो जाएं। तो मरीज की मृत्यु भी हो सकती है। 

ऐसे में कई बार लोग जिन्हे गिलोय के फायदे के बारे में पता होता है। वह लोग गिलोय काकड़ा घरेलू नुस्खे के तरह इस्तेमाल करते हैं। यह काढ़ा मरीज को दिया जाता है। जिससे बुखार तो कम होता ही है बल्कि सफेद और रक्त कोशिकाएं फिर से बनना शुरू हो जाती है और मजबूत होने लगती है। 

साधारण भाषा में बताऊं तो टाइफाइड में जब खून की बहुत ज्यादा कमी हो जाती है। तो कई घरेलू लोग जिन्हें घरेलू नुस्खों के बारे में पता है। गिलोय पीने की सलाह देते हैं। आयुर्वेद में भी इस बात का जिक्र है कि गिलोय से काफी बड़ी बीमारियां भी ठीक हो सकती हैं। अगर गिलोय का नियमित रोजाना सेवन किया जाए। एक बार फिर से दोहराना चाहूंगा कि कई लोगो को लगता है कि गिलोय बहुत ज्यादा कड़वी होती है और हम इसे नहीं पी पाएंगे। 

तो यह एक गलत धारणा है और साथ ही साथ में एक आपको और बात बताना चाहूंगा की गिलोय काफी बेहतर है। कई बार दवाइयों के साइड इफेक्ट भी हो जाते हैं। जैसे कि आप जानते हैं कि गिलोय नेचुरल  रेमेडीज है। तो नेचुरल चीजों के साइड इफेक्ट भी ना के बराबर होते हैं। 

बहुत कम ऐसा होता है कि यदि आप नेचुरल  रेमेडीज को सही ढंग से नहीं लेते हैं। तो इन के साइड इफेक्ट हो सकते हैं। तो आज से ही गिलोय शुरू कर दीजिए और बीमारियों से बचे रहें। उम्मीद करता हूं कि आपको यह जानकारी अच्छी लगी होगी ।

ध्यान दें कि अगर आप किसी बीमारी से पीड़ित है और कोई दवाई सेवन कर रहे हैं । तो गिलोय का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह मशवरा जरूर करें।

Post a Comment

0 Comments

Featured Post

साइकिलिंग करना अच्छा या मॉर्निंग वॉक करना लाभदायक

Natural health tips : साइकिलिंग (Cycling) और मॉर्निंग वॉक (Morning Walk) दोनों में से क्या लाभदायक है। एक नजरिए से देखा जाए तो साइकिलिंग (C...

Ad Code