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सर्दी खांसी में गिलोय (Giloy) का उपयोग |

सर्दी खांसी में गिलोय (Giloy Uses) का उपयोग |

सर्दी खांसी में गिलोय (Giloy) का उपयोग कैसे करें। आज हम आपको यह बताने वाले हैं । साधारण शब्दों में बताया जाए तो गला खराब होने की समस्या ज्यादातर खांसी जुकाम  सर्दियों में ही होता है। सर्दियों के दिनों में खांसी जुकाम बुखार होना आम बात है। हर कोई चाहता है की  सर्दियों में हमें कोई बीमारी ना हो पर ऐसा हो नहीं पाता। 

सर्दी खांसी में गिलोय (Giloy) का उपयोग |

सर्दियों में हम कई बार लापरवाही करने के कारण बीमार हो जाते हैं। ऐसे में यदि आप बीमार नहीं होना चाहते हैं। तो गिलोय (Giloy) का सेवन पहले से ही नियमित थोड़ा-थोड़ा करते रहिये। यदि इसका सेवन सुबह खाली पेट निमित्त करते रहेंगे तो बीमार होने का डर ही नहीं रहेगा।

अक्सर देखा जाए तो हल्का फुल्का जुकाम बुखार होने पर भी लोग मेडिकल स्टोर से मेडिसिन लेना है ज्यादा बेहतर समझते हैं। किंतु असल में देखा जाए तो इन दवाइयों के साइड इफेक्ट बहुत ज्यादा होते हैं। ज्यादातर यह मेडिकल दवाइयां बहुत ही गर्म तसीर की होती है। 

इन दबाईयों में अलग-अलग तरह के केमिकल का उपयोग किया होता है। यह दवाइयां किसी भी बीमारी को एकदम से ठीक कर देती है। जो की अच्छी बात नहीं है। किंतु आयुर्वेदिक दवाइयां पानी को धीरे धीरे ठीक करती है। पर यह भी सच है कि  आयुर्वेदिक दवाइयों के साइड इफेक्ट न के बराबर होते हैं।

यदि इनका सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो। इसलिए मैं आपको यही सलाह देना चाहूंगा कि अगर  आपको सर्दियों के दिनों में जुकाम, बुखार, खांसी इनमें कुछ भी हो जाए तो घबराइए मत।

किन्तु यहां बात सर्दियों के दिनों में खांसी की हो रही है। तो आपको मैं  यहां आपको सबसे बढ़िया और सबसे सरल तरीका बताने वाला हूं। जोकि सर्दियों में खांसी की समस्या को आसानी से दूर कर सकता है। बह भी बिना साइड इफेक्ट्स के। आप अब इस विधि को आप ध्यान से नोट कर लीजिए। क्योंकि सर्दियों में जो लोग लापरवाही करते हैं और मेडिकल स्टोर से दवाई को ज्यादा अहमियत देते हैं।

उन लोगों को इस साधारण से नुखे का उपयोग जरूर करना चाहिए। क्योंकि इस नुखे के साइड इफेक्ट बिल्कुल भी नहीं है। जो की दूसरी अन्य तरह की दवाइयां खाने से होते हैं। तो आइए जानते हैं।  मैं आपको यहां एक  गिलोय (Giloy) के काढ़े के बारे में बताने जा रहा हूं। जो की बहुत ही सरल सा है और फायदेमंद भी है।


गिलोय (Giloy) का काढ़ा बनाने की विधि । Decoction of Giloy in Hindi

गिलोय (Giloy) का काढ़ा जैसे ही बनाना शुरू करते हैं। आपको उसके लिए एक गिलोय (Giloy)  की बेल का उंगली जितना डंठल लेना है। अब इसे दो गिलास पानी में उबलने के लिए गैस पर रख दे। इसमें थोड़ी सी काली मिर्च और चार तुलसी के पत्ते भी डाल दीजिए। इस सामग्री को तब तक उबा लीजिए। जब तक पानी दो गिलासों में से बचकर एक गिलास से थोड़ा कम नहीं रह जाता ।

जब यह पानी एक गिलास से  थोड़ा कम रह जाएगा। तो इस पानी को गैस से उतार कर नीचे रख दीजिए। अब इसे ठंडा होने के लिए रख दें। ताकि यह गुनगुना पानी हो सके। जब यह पानी गुनगुना हो जाएगा तो इसमें दो चम्मच शहद  दाल लें । शहद डालते ही इसका स्वाद पीने लायक बन जाएगा । 

क्योंकि नहीं तो गिलोय (Giloy) का स्वाद कड़वा होता है। वैसे तो आप इसे भी नहीं सकते परन्तु कई पीने वाले पी भी लेते हैं। अब आपका गिलोय (Giloy) का काढ़ा बनकर  तैयार हो गया है। अब इसे आप दो-दो चम्मच करके पी सकते हैं। दो से  तीन दिन यह कड़ा पीने से आपकी सर्दी और खांसी की समस्या दूर हो जाएगी।


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